देवेगौड़ा को अनदेखा करना बिगड़ गया सारे समीकरण
भाजपा के इसी ओवरकॉन्फिडेंस ने उससे एक ब्लंडर मिस्टेक करवा दी। अपने बलबूते पर सरकार बनाने के चक्कर में उसने देवड़ा परिवार को अनदेखा करने का काम कर दिया यह भाजपा की बड़ी सियासी गलती रही जिसके चलते 4 बजे तक कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया।
बहुमत से 7 सीटें दूर रहने के कारण भाजपा के लिए दूसरी पार्टी की मदद लेना बेहद जरूरी हो गया है लेकिन रुझानों में मिले पूर्ण बहुमत के चक्कर में उसने देवेगौड़ा परिवार से बातचीत करना भी जरूरी नहीं समझा। यही बड़ी गलती उसे भारी पड़ रही है। दूसरी तरफ सोनिया गांधी ने हालात को भांंपते हुए गुलाम नबी आजाद को देवेगौड़ा परिवार के साथ बातचीत में लगा दिया। कांग्रेस ने भाजपा को रोकने के लिए देवेगौड़ा परिवार की जेडीएस को अनकंडीशनल सरकार बनाने का समर्थन दे दिया।
इस कारण कर्नाटक में सत्ता के समीकरण बदल गए और भाजपा के हाथ में आ रही सत्ता की कुर्सी चंद कदम दूर रह गई। केवल दो निर्दलीय प्रत्याशियों के कारण भाजपा का बहुमत हासिल करने का सपना चकनाचूर हो गया और उसे अब कोई और हथकंडा अपनाकर बहुमत हासिल करने का लक्ष्य हासिल करना होगा ।

गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे अधिक सीटें मिली थी और उसे लगता था कि वह अन्य विधायकों के साथ मिलकर आराम से सरकार बना लेगी। इसी गलतफहमी में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह राज्यपाल के पास विधायकों की सूची ले जाने की बजाए होटल में आराम फरमाते रहे। उनकी लापरवाही का फायदा उठाते हुए भाजपा ने विधायकों में जोरदार तोड़फोड़ करते हुए बहुमत का आंकड़ा जुटाकर राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया जिसके कारण कांग्रेस गोवा में सत्ता से वंचित रह गई और भाजपा कम सीटों के बावजूद सत्ता की सरताज बन गई।
इसी तरह की कहानी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी आज दोहराई गई। त्रिशंकु विधानसभा के बनने पर भाजपा जेडीएस के समर्थन से सरकार बनाने की राह पर आगे बढ़ती दिख रही थी लेकिन आज 12 बजे जब रुझानों में भाजपा अकेले बलबूते पर सरकार बनाती नजर आई तो भाजपा नेताओं ने जेडीएस प्रमुख देवेगौड़ा परिवार को पूरी तरह अनदेखा कर दिया और अपनी सरकार बनाने की तैयारियों में जुट गई। दूसरी तरफ कांग्रेस ने अपनी सरकार नहीं बनते देख चुनाव परिणाम पूरे घोषित होने से पहले ही देवेगौड़ा परिवार के साथ सेटिंग कर ली और जीडीएस का मुख्यमंत्री स्वीकारते हुए अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
खरी खरी बात यह है कि भाजपा किसी भी कीमत पर कर्नाटक में सरकार बनाकर रहेगी। इससे पहले गोवा, मणिपुर और दूसरे राज्यों में भाजपा ने हर हथकंडा बनाते हुए अपनी सरकार बनाने का काम किया है। कर्नाटक में भी वह इसी फार्मूले पर चलते हुए अपनी सरकार कायम करेगी और बाद में बहुमत का जुगाड़ कर लेगी। यह सही है कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है लेकिन यह भी सही है कि कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन बहुमत के साथ सत्ता की दावेदारी कर रहे हैं ।